शर्मिला को देखते ही दिल दे बैठे थे पटौदी

बर्थडे स्पेशलः शर्मिला को देखते ही दिल दे बैठे थे पटौदी

गुजरे जमाने की अदाकारा शर्मिला टैगोर ने हिंदी फिल्मों में जो मुकाम हासिल किया है, वह कम लोगों को नसीब हुआ है. वर्ष 1959 से 1984 तक रूपहले पर्दे पर शर्मिला के रूप और अदाओं का राज रहा है. वह 1991 से 2010 तक अलग अंदाज में पर्दे पर सक्रिय रहीं. उन्हें बेहतरीन अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. 'अराधना', 'अमर प्रेम', 'सफर', 'कश्मीर की कली', मौसम', 'तलाश', 'वक्त', 'फरार', 'आमने-सामने' जैसी फिल्में शर्मिला के अभिनय की कहानी बयां करती हैं. उन्हें वर्ष 2013 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से नवाजा जा चुका है. शर्मिला भारतीय फिल्मों की सशक्त अभिनेत्री रही हैं. शर्मिला और राजेश खन्ना की जोड़ी खूब सफल रही. इस जोड़ी ने एक समय सफलता के मिसाल कायम किए. दोनों ने कई हिट फिल्में दीं, जिनमें 'अमर प्रेम', 'दाग', 'अराधना' उल्लेखनीय हैं.

 
 
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