नौकरी करना चाहते थे राजेश रौशन

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सत्तर के दशक में राजेश रौशन संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के सहायक के तौर पर काम करने लगे. उन्होंने लगभग पांच वर्ष तक उनके साथ काम किया. राजेश रौशन ने संगीतकार के रूप में अपने सिने करियर की शुरुआत महमूद की 1974 में प्रदर्शित फिल्म कुंवारा बाप से की लेकिन कमजोर पटकथा के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह पिट गयी.

 
 
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