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- महफिलों से मिली शोहरत ने बनाया अजीम शायर

गुलजार के चमकदार कैरियर में एक गौरवपूर्ण नया अध्याय तब जुड़ गया जब वर्ष 2009 में फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' में उनके गीत, जय हो...को आस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुये वर्ष 2004 में उन्हें देश के तीसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्मभूषण से अलंकृत किया गया. उर्दू भाषा में गुलजार की लघु कहानी संग्रह 'धुआं' को 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है. गुलजार ने काव्य की एक नयी शैली विकसित की है. जिसे 'त्रिवेणी' कहा जाता है.
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