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- ओशो ने किया विनोद को बर्बाद!

ओशो के यहां औपचारिक तौर पर 31 दिसंबर, 1975 को मुझे दीक्षा दी गई और जब मैंने संन्यास का ऐलान किया तो किसी ने मेरा विश्वास नहीं किया. मुझे सेक्सी-संन्यासी कहा जाने लगा.
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ओशो के यहां औपचारिक तौर पर 31 दिसंबर, 1975 को मुझे दीक्षा दी गई और जब मैंने संन्यास का ऐलान किया तो किसी ने मेरा विश्वास नहीं किया. मुझे सेक्सी-संन्यासी कहा जाने लगा.