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- 'इन आखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं'

सावन भादो के बाद उन्होंने कहानी किस्मत की, अनोखी अदा, नमक हराम, रामपुर का लक्ष्मण और प्राण जाए पर वचन ना जाए जैसी फिल्में कीं, लेकिन वर्ष 1976 की फिल्म दो अनजाने में उनके अभिनय को सराहा गया
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