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- टिपिकल पति-पत्नी ड्रामा है कागज के फूल्स
इस शुक्रवार जो चार थकी हारी फिल्में रिलीज हुई हैं उनमें ‘कागज के फूल्स’ यह सोच कर देखी थी कि विनय पाठक की फिल्म है तो औरों से बेहतर होगी. विनय पाठक की कॉमेडी सहज और विश्वसनीय होती है. वह अझेल नहीं होती, मगर दिक्कत यह हो गई कि फिल्म कॉमेडी के बजाय सीरीयस जोनर की निकली.
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