हंसी-ठहाके से भरपूर 'गुड्डू रंगीला'

Movie Review: गंभीर मुद्दे पर हंसी-ठहाके से भरपूर

डायरेक्टर सुभाष कपूर ने नेशनल अवार्ड विनिंग फिल्म 'जॉली एलएलबी' और 'फंस गए रे ओबामा' के बाद एक बार फिर हंसी ठहाकों से भरपूर फिल्म 'गुड्डू रंगीला' लेकर आए हैं. उत्तरी भारत पर आधारित फिल्म गुड्डू रंगीला दो चचेरे भाइयों गुड्डू (अमित साध) और रंगीला (अरशद वारसी) की कहानी है. ये दोनों दिन में आरकेस्ट्रा सिंगर्स के रूप में और रात में खबरी के रूप में काम करते हैं जो शहर के सबसे अमीर लोगों की सूचनाएं वहां के लोकल गुंडों को देते हैं और अपना कमीशन लेते हैं. लेकिन उनके लाइफ में ट्वीस्ट तब आता है जब फिल्म में राजनेता बिल्लू (रोनित रॉय) की एंट्री होती है. जिसकी बीवी के हत्या के आरोप में दोनों बुरी तरह से फंसे होते हैं तब वे दोनों जल्दी से जल्दी ज्यादा पैसे कमाने की बात सोचते हैं. उसी दौरान गुड्डू रंगीला को कुछ बदमाश जल्दी पैसा कमाने के लिए बेबी (अदिति राव हैदरी) का अपहरण करने के लिए कहते हैं और वे बेबी को अगवा कर लेते हैं. इस चक्कर में इन दोनों की दुश्मनी बिल्लू से बढ़ जाती है क्योंकि बेबी असल में बिल्लू की साली है. बिल्लू से बचने के लिए गुड्डू और रंगीला बेबी को लेकर फरार हो जाते है और इसके बाद फिल्म में भागदौड़ का सिलसिला शुरू हो जाता है.

 
 
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