काश! सपना पूरा करा दे फिल्म

Interview: मिल्खा सिंह फिल्म देख कोई मिल्खा बने यही है सपना

मेरा नहीं, मेरे बेटे का था डिसीजन: फिल्मों से मैं बहुत दूर रहा हूं. 1960 के बाद मैंने कोई फिल्म देखी ही नहीं. इसलिए जब ओमप्रकाश मेहरा फिल्म निर्माण को लेकर चंडीगढ़ में मेरे घर आए तो मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था. बल्कि मैं तो ना कहने ही वाला था कि वहीं बैठा मेरा बेटा गोल्फर जीव मिल्खा मुझे गलियारे में ले गया और उसने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि आप पर फिल्म बने तो यह राइट च्वाइस है. दरअसल, जीव ने ओमप्रकाश मेहरा की रंग दे बसंती देखी थी और वह उससे काफी प्रभावित था.

 
 
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