Interview: मैं परिवार प्रेमी और घर घुस्सू हूं

Interview: दर्द की पराकाष्ठा से गुजरे हैं मनोज बाजपेयी

कई बार मैं भूखा रहा. किराये के घरों में रहा, जो बार-बार बदलने पड़ते थे. बैंडिट क्वीन के बाद एक दौर ऐसा था जब मेरे पास कोई काम नहीं था. नाटकों में 18-18 घंटे काम करने के आदी मुझ जैसे कलाकार के लिए निठल्ले बैठे रहना कितना दुष्कर रहा होगा. मैं सोच रहा था कि दिल्ली वापस चला जाऊं मगर तभी स्टार प्लस का स्वाभिमान मिला.

 
 
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