Interview: मैं परिवार प्रेमी और घर घुस्सू हूं

Interview: दर्द की पराकाष्ठा से गुजरे हैं मनोज बाजपेयी

मगर मैं भी जिद्दी हूं. मुझे लगा, वे मुझे खत्म कैसे कर सकते हैं? मगर यह भी कड़वा सच है कि इस क्षेत्र में जो हाजिर वह वजीर. मैं जानता हूं कि यहां चढ़ते सूरज को सलाम किया जाता है. मैं खुद को दोबारा साबित करने को छटपटाने लगा. स्वामी जैसी फिल्म में मुझे काफी सराहा गया.

 
 
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