...इसलिए नहीं हो सकी दिलीप की मधुबाला

गहरा था मधुबाला-दिलीप कुमार का प्यार, पर फिर भी न हो सकी शादी

दिलीप कुमार और मधुबाला का रिश्ता शादी की गांठ से बंधा होता अगर मधुबाला के पिता इस बंधन के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचते. ऐसा करना अभिनेता दिलीप कुमार के लिए न तो अच्छा ही होता और न ही उन्हें ये गवारा था कि कोई और उनके उभरते करियर की दिशा को निर्धारित करे. हाल ही में जारी अपनी आत्मकथा 'दिलीप कुमार:द सबस्टेंस एंड द शैडो' में 91 वर्षीय दिलीप ने अपने और मधुबाला के रिश्ते के बारे में ये बातें साझा की हैं जो आज भी सिनेमा के प्रशंसकों को रोमांचित करती हैं. 1951 में मधुबाला के साथ 'तराना' में काम करने वाले भारतीय चित्रपट के मुख्य स्तंभों में से एक दिलीप उनके बारे में यादें बांटते हुए उन्हें एक अच्छा कलाकार होने के साथ ही एक 'बेहद जिंदादिल और जीवटता से भरपूर' इंसान बताते हैं. हे हाऊस द्वारा प्रकाशित अपनी किताब में उन्होंने लिखा, ‘‘मैं यह स्वीकार करता हूं कि मैं मधुबाला के साथी कलाकार और अच्छे इंसान दोनों रूपों के प्रति आकषर्ण में बंधा था. उसमें वे सभी गुण मौजूद थे जिसकी एक औरत में मैं उस समय होने की आशा रखता था. जैसा कि मैंने पहले कहा कि वो बहुत जिंदादिल और जीवंत थी जिसने मेरे शर्मीलेपन और संकोच को बिना किसी प्रयास के दूर किया’’.

 
 
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