रफी भी थे मन्ना डे के फैन

Death anniversary: मन्ना डे की आवाज में था जादू, रफी भी थे फैन

भारतीय सिनेमा जगत में मन्ना डे को एक ऐसे प्लेबैक सिंगर के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपने लाजवाब पार्श्वगायन के जरिये शास्त्रीय संगीत को विशिष्ट पहचान दिलायी. आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी ने एक बार कहा था. आप लोग मेरे गीत को सुनते हैं लेकिन अगर मुझसे पूछा जाये तो मैं कहूंगा कि मैं मन्ना डे के गीतों को ही सुनता हूं. मन्ना डे केवल शब्दों को ही नहीं गाते थे. अपने गायन से वह शब्द के पीछे छिपे भाव को भी खूबसूरती से सामने लाते थे. प्रबोध चन्द्र डे उर्फ मन्ना डे का जन्म एक मई 1920 को कोलकाता में हुआ था. मन्ना डे के पिता उन्हें वकील बनाना चाहते थे लेकिन उनका रूझान संगीत की ओर था और वह इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते थे. मन्ना डे ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने चाचा के.सी. डे से हासिल की. मन्ना डे के बचपन के दिनों का एक दिलचस्प वाक्या है. उस्ताद बादल खान और मन्ना डे के चाचा एक बार साथ-साथ रियाज कर रहे थे. तभी बादल खान ने मन्ना डे की आवाज सुनी और उनके चाचा से पूछा यह कौन गा रहा है.

 
 
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