Review: भाग मिल्खा भाग....वरना छूट जाएंगे सपने

Review: भाग मिल्खा भाग....वरना छूट जाएंगे सपने

मुल्तान में पल रहा एक सिख बच्चा. विभाजन के चलते उसे दिल्ली आना पड़ता है लगभग पूरा परिवार गंवाकर. यहां वो बहन के पास रहता है. कोयले की चोरी कर पेट पालता है और फिर एक शाहदरा की रिफ्यूजी कॉलोनी में रहने वाली एक सिख लड़की बीरा के प्यार में पड़ जाता है. उसको पाने के लिए कुछ बनने की ठानता है और फौज में भर्ती हो जाता है. यहां उसकी रेस शुरू हो जाती है.

 
 
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