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- Review: भाग मिल्खा भाग....वरना छूट जाएंगे सपने

सिंह लिखते हैं, ‘‘मुझे जीवनभर वह घातक गलती सालती रही है जो मैंने रोम में 400 मीटर की दौड़ में की थी. मुझे पता चला कि मैं जीत सकता था, लेकिन शायद उस दिन भाग्य मेरे साथ नहीं था. जिस पदक के लिए मैं जीवनभर तरसता रहा, वह मेरी छोटी सी गलती के चलते मेरे हाथ से छिन गया.
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