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- चिकन खाने से बेअसर होंगी एंटीबायोटिक दवाइयां
सीएसई यानी सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वार्नमेंट की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि बाजार में मिलने वाले चिकन में एंटीबायोटिक्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. बुधवार को ये रिपोर्ट सामने आई है. सीएसई ने अपनी स्टडी के तहत चिकन में मिलने वाले एंटीबायोटिक्स के अवशेषों का परीक्षण किया है. चौंकाने वाला तथ्य यह है कि करीब 40 फीसदी सैंपल में एंटीबायोटिक्स के अवशेष पाए गए. सीएसई की पॉल्यूशन मॉनिटरगिं लैबोरेट्री की ओर से की गई रिसर्च की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए सेंटर की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण ने कहा कि एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल इंसानों में बीमारियों को ठीक करने तक सीमित नहीं रहा. सुनीता के मुताबिक, चिकन में तेज ग्रोथ के लिए मुर्गी पालन उद्योग एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करता है. चिकन तंदरुस्त हों और वे तेजी से बढ़ें, इसलिए उन्हें एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं. इन सभी बातों से अंजान लोग बड़े ही मजे से बाहर चिकन खाना पंसद करते है लेकिन वो नहीं जानते की इस तरह का एंटीबायोटिक चिकन खाने से इंसानों के बीमारी की हालत में लिए जाने वाले एंटीबायोटिक्स का असर नहीं होने का खतरा बढ़ जाता है.