लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे जायज

PICS: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे जायज

सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप रिश्तों पर अहम स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि अगर महिला और पुरूष लंबे समय से पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं तो कानून उन्हें पति पत्नी की तरह मानेगा. और उनसे पैदा हुए बच्चों को जायज कहेगा. जस्टिस बीएस चौहान और न्यायाधीश जे.चेलामेश्वर की पीठ ने वकील उदय गुप्ता की याचिका पर यह स्पष्टीकरण दिया. गुप्ता ने लिव इन रिलेशनशिप पर मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियों पर सवाल खड़े करते हुए याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा,लंबे समय तक कायम रहने वाले लिव इन रिलेशनशिप से पैदा होने वाले बच्चों को नाजायज करार नहीं दिया जा सकता.गुप्ता ने मद्रास हाई कोर्ट के टिप्पणी को चुनौती दी थी जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि 'एक वैध शादी के लिए यह जरूरी नहीं है कि शादीशुदा जोड़ों से संबंधित सभी पारंपरिक कर्तव्यों का पालन किया जाए और उसे संपन्न किया जाए.' उनके काउंसल एमआर काला ने हाई कोर्ट की इस टिप्पणी को खारिज किए जाने की मांग की. उनका कहना था कि इस तरह की टिप्पणी शादी की व्यवस्था को नष्ट कर सकती है.

 
 
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