‘चौरंगा’ में सेंसर बोर्ड की काटछांट अनुचित

‘चौरंगा’ में सेंसर बोर्ड की काटछांट अनुचित : ओनिर

फिल्म निर्माता ओनिर इस बात से दुखी हैं कि सेंसर बोर्ड ने उनकी फिल्म ‘चौरंगा’ के कुछ दृश्य काट दिये हैं. हालांकि उनके अनुसार मनोरंजन के नाम पर कई बार अधिक प्रतिगामी सामग्री को पास कर दिया जाता है. ओेनिर और संजय सूरी द्वारा निर्मित ‘चौरंगा’ एक युवा लड़के की कहानी है, जो वर्ण-व्यवस्था से प्रभावित एक गांव में एक प्रेम पत्र लिखता है, जिसके कारण उसे मौत का सामना करना पड़ता है. बोर्ड ने ओनिर से संजय सूरी और तनिष्ठा चटर्जी के एक प्रेम प्रसंग को संपादित करने के साथ ही एक दलित लड़के को कुंए में धकेलने के दृश्य को भी संपादित करने को कहा है. ओनिर ने बताया, ‘‘इस तरह की सामाजिक महत्व की फिल्म को इस तरह सेंसर बोर्ड के पचड़े में पड़ता देखकर मुझे दुख हुआ. इसे कई समारोहों में सराहा गया और यह दृश्य केवल मनोरंजन के लिए नहीं हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘और फिर आप देखते हैं कि मनोरंजन के नाम पर बहुत सी प्रतिगामी सामग्री को पास किया जा रहा है. मुझे लगता है कि यह उचित नहीं है.’’ बिकास रंजन मिश्रा के निर्देशन में बनी यह फिल्म झारखंड के एक ब्राह्मण ‘जमींदार’ की कहानी पर आधारित है. फिल्म ‘माई ब्रदर निखिल’ के निर्माता ने कहा कि सेंसर के फिल्म में काटछांट को लेकर दिये गये ‘तर्क’ को वह नहीं समझ सके.

 
 
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