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- ऑप्टोमेट्री में शानदार फ्यूचर
आंख हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है. दरअसल, प्रकृति द्वारा इंसान को दी गई सबसे खूबसूरत नेमत ये आंखें ही हैं. इसी की मदद से हम दुनिया की रंग-बिरंगी चीजों और प्राकृतिक खूबसूरती को देख पाते हैं. ऐसे में आंखों की देखभाल भी अहम हो जाती है. अगर इसमें कभी खराबी आ जाए तो चश्मा या लेंस लग जाता है. एक ऑप्टोमेट्रिस्ट का कार्य यहीं से शुरू होता है. वे आंखों का परीक्षण करके दवाई खाने या आंखों में डालने और उचित पावर का चश्मा या लेंस लगाने की सलाह देते हैं. वे नेत्र संबंधी प्रारंभिक चिकित्सा करने वाले स्वास्य विशेषज्ञ होते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि वे आंखों का ऑपरेशन नहीं करते हैं. सच्चाई यह है कि ऑप्टोमेट्री कोर्स करने के बाद आप हेल्थ केयर सेक्टर से जुड़ जाते हैं. ऑप्टोमेट्री का पेशा पूरी तरह से आंखों की जांच से जुड़ा होता है. वैसे भी अधिक उम्र होने पर दृष्टि दोष संबंधी समस्या होना स्वाभाविक है. इससे निजात दिलाने में ऑप्टोमेट्रिस्ट ही मदद करते हैं. आजकल दृष्टिदोष संबंधी बीमारियों का शिकार होने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इससे कम उम्र के बच्चे भी पीड़ित हो रहे हैं. कलर ब्लांइडनेस हो या आंख संबंधी कोई भी आनुवांशिक समस्या, इसके सफल इलाज के लिए ऑप्टोमेट्रिस्ट की आवश्यकता सभी को पड़ती है. कॉन्टेक्ट लेंस, चश्मा या दवाई द्वारा आप्टोमेट्रिस्ट इसका इलाज करते हैं. जरूरत पड़ने पर वे आंखों से संबंधित व्यायाम भी बताते हैं, जिससे नेत्र ज्योति बनी रहे और आपकी आंखें बेहतर तरीके से काम कर सकें.