रिंगिंग बेल्स पर धोखाधड़ी का आरोप

रिंगिंग बेल्स पर धोखाधड़ी का आरोप, कंपनी ने खारिज किया

फ्रीडम 251 मोबाइल फोन को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच रिंगिंग बेल्स की ग्राहक सेवा प्रदाता फर्म ने कंपनी पर ‘धोखाधड़ी’ और बकाए का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. हालांकि स्मार्टफोन कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है. वहीं दूसरी ओर रिंगिंग बेल्स ने बीपीओ कंपनी सीवाईफ्यूचर पर ग्राहकों की कॉल्स का भारी यातायात संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया है. सीवाईफ्यूचर के संस्थापक और सीईओ अनुज बैराठी ने कहा, ‘‘हमें हमेशा से ही रिंगिंग बेल्स और उनके कारोबारी मॉडल को लेकर संशय रहा है. उनकी प्रबंधन टीम के साथ कई दौर की बातचीत के बाद जब उन्होंने अपने लांच कार्यक्रम में आने वाले कई वरिष्ठ राजनेताओं के नाम दिखाए तो हमने उनकी परियोजना अपने हाथ में लेने का निर्णय किया.’’ फोन को पेश किए जाने के कुछ ही दिनों बाद कॉल सेंटर के नंबर पर लाखों की संख्या में कॉल्स आई जिनका उचित जवाब दिया गया और यहां तक कि रिंगिंग बेल्स भी हमारी सेवाओं से खुशी थी. ‘‘हालांकि, जब हमने अपने भुगतान के बारे में पूछना शुरू किया जो हमें साप्ताहिक आधार पर किया जाना था, उन्होंने झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए और असंतोषजनक सेवाओं का हवाला देते हुए हमारी सेवाएं समाप्त करने का निर्णय किया.’’ बैराठी ने बताया, ‘‘यह फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और अनुबंध तोड़ने का एक स्पष्ट मामला है. अनुबंध के मुताबिक, रिंगिंग बेल्स ने विशेष रूप से हमें एक साल के न्यूनतम लॉक-इन पीरियड का आश्वासन दिया था और एक साल से पहले अनुबंध खत्म नहीं करने की बात कही थी.’’ हालांकि, इन आरोपों का खंडन करते हुए रिंगिंग बेल्स ने कहा कि हेल्पडेस्क से संपर्क करने वाले लोग संपर्क करने में असमर्थ थे और कंपनी को इस संबंध में सीधे तौर पर हजारों की संख्या में शिकायतें मिली हैं.

 
 
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