पिघल जाएगी अंटार्कटिक की बर्फ

 सदियों तक पिघलती रहेगी अंटार्कटिक की बर्फ

एक नए अध्ययन के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के चलते अंटार्कटिका से बर्फ का पिघलना सदियों तक जारी रह सकता है. ‘‘ईस्ट अंटार्कटिक आईस शीट’ (ईएआईएस) के अलावा विभिन्न ऊंचाइयों पर चट्टानों के पिघलने का अध्ययन कर शोधार्थी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हाल के भूगर्भिक अतीत में ग्लेशियर तेजी से पिघले हैं और यह कई सदियों से जारी है. उपग्रह प्रक्षेपण से पता चलता है कि समुद्र के गर्म होने से अंटार्कटिक बर्फ की परत फिलहाल पतली हो रही है. समुद्री बर्फ की परत की अस्थिरता को लेकर खास चिंता है, जहां गहरी होती घाटियों में बर्फ का कम होना जारी रह सकता है. वेलिंगटन की ‘‘विक्टोरिया यूनिवर्सिटी’ में पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च फेलो र्रिचड जोंस के नए शोध से संकेत मिलता है कि अस्थिरता की ओर ले जानी वाली प्रक्रि याएं महज मामूली जलवायु परिवर्तन से शुरू हो सकती हैं.

 
 
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