एड्स से मरने वालों में बच्चे अधिक

PICS: एड्स से मरने वाले किशोरों की संख्या वर्ष 2000 के बाद से हुई तिगुनी:यूनिसेफ

एड्स के कारण मरने वाले किशोरों की संख्या पिछले 15 वर्षों में तीन गुनी हो गई है और इनमें से अधिकतर लोगों को यह बीमारी उस समय लगी थी, जब वे नवजात शिशु थे. बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ ने अपनी हालिया सांख्यिकीय रिपोर्ट में कहा कि अफ्रीका में 10 से 19 साल तक की उम्र के किशोरों की मौतों की सबसे पहली वजह और वैश्विक तौर पर किशोरों की मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह एड्स है. रिपोर्ट में कहा गया, ‘एचआईवी से संक्रमित लोगों के बीच, किशोरों का समूह इकलौता ऐसा समूह है, जिसमें मृत्यु दर के आंकड़ों में गिरावट नहीं आ रही.’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘एड्स से जुड़ी बीमारियों के कारण मरने वाले अधिकतर किशोरों को एचआईवी तब हुआ जब वे आज से 10-15 साल पहले नवजात शिशु थे. उस दौरान मां से बच्चे तक एचआईवी का संक्रमण रोकने वाले एंटीरेट्रोवायरल दवाएं कुछ ही गर्भवती महिलाओं को और एचआईवी के साथ जी रही मांओं को मिली थीं.’ इनमें से कई लोग किशोरावस्था में बचे रहे और इन्हें यह पता तक नहीं था कि इन्हें एचआईवी है.

 
 
Don't Miss