16वीं शताब्दी से नहीं जली होलिका

 16वीं शताब्दी से नहीं जली होलिका

छत्तीसगढ़ के कुछ गांवों में सैकड़ों वर्षों से होलिका नहीं जलाई जाती है. ऐसा ही एक गांव है धमतरी जिले का तेलीनसत्ती. यहां के बड़े बुजुर्गों ने गांव में कभी होलिका जलते नहीं देखा, अलबत्ता वे होली जरूर मनाते हैं. कुछ बुजुर्ग बताते हैं कि यहां 16वीं शताब्दी से होलिका नहीं जली. गांव के 85 साल के देवलाल साहू, 82 साल के बहुर साहू व अन्य के मुताबिक 16वीं शताब्दी में तेलीनसत्ती गांव में एक मालगुजार के सात बेटे और एक बेटी थी. बहन की शादी तय हुई. भाइयों के खेत का मेड़ रोज फूट जाता था. भाइयों ने एक रात अपने होने वाले दामाद को ही मेड़ में पाट दिया. उसकी बहन खेत गई. उसने मृत युवक की ऊंगली पकड़कर सात फेरे लिए और चिता में जलाकर सती हो गई. इसके बाद से आज तक यहां होलिका नहीं जली.

 
 
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