PICS: अपनों की बेरूखी से जख्मी 'लाल किला'

PICS: अपनों की बेरूखी से जख्मी

मुगलकालीन वास्तुकला का अप्रतिम उदाहरण, भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक, आजाद भारत का प्रथम हस्ताक्षर और यूनेस्को विश्व धरोहर लाल किला आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इसके बुर्ज काले पड़ गए हैं, कलाकृतियां अपना अस्तित्व खोती जा रही है और महल में जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं. लाल किले में प्रवेश करते ही लाहौरी गेट और दिल्ली गेट से ही इस भव्य इमारत की खस्ता हालत देखने को मिलती है. लाहौरी गेट से चट्टा चौक तक जाने वाली सड़क से लगे खुले मैदान के पूरब में स्थित नक्कारखाना पर भी वक्त की मार देखने को मिल रही है. ऐसी ही खस्ता हालत दिवान ए आम, दिवान ए खास, हमाम, शाही बुर्ज, रंग महल आदि की भी है. इन इमारतों पर उकेरे गए चित्र एवं कलाकृतियां अपना वजूद खोती जा रही है और बुर्ज काले पड़ गए हैं.

 
 
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