दिल्ली गैंगरेप का छठा आरोपी नाबालिग करार

दिल्ली गैंगरेप का छठा आरोपी नाबालिग करार, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का फैसला

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दिल्ली गैंगरेप के छठे आरोपी को नाबालिग बताते हुए कहा कि नाबालिग के हिसाब से चलेगा मुकदमा. ओसिफिकेशन टेस्ट में शरीर की पांच जगहों-कलाई, सीना ,कमर, कंधा और कोहनी की हड्डियों का एक्सरे कर व्यक्ति की सही उम्र का पता लगाया जाता है. इस जांच के जरिए हड्डियों के जोड़ और लंबाई से उम्र का पता लगाया जाता है. इससे पहले बोर्ड की प्रिंसीपल मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल ने जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने नाबालिग का मुकदमा भी अन्य आरोपियों के साथ साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की मांग की थी. उन्होंने दलील दी थी कि इस मामले में नाबालिग ने जघन्य अपराध किया है जिसके चलते उसको नाबालिग नहीं कहा जा सकता है. लेकिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया था, जिसके बाद स्वामी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी. गौरतलब है कि 16 दिसंबर की रात दिल्ली में चलती बस में एक मेडिकल छात्रा को छह लोगों ने अपनी हवस का शिकार बनाया था और उसके साथ बेहद अमानवीय कृत्य करने के बाद उसको चलती बस से मरा हुआ समझ कर उसके पुरुष मित्र के साथ बाहर फेंक दिया था.

 
 
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