अपने शेर संभाल नहीं पाया MP, हमारे क्या संभालेगा?

Pics: शेरों पर भिड़े गुजरात- मध्यप्रदेश, सुप्रीम कोर्ट के सामने झुके

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात को आदेश दिया है कि वह लुप्तप्राय शेरों में से कुछ अपने पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश को भी दे. गुजरात के कुछ नेताओं ने मध्य प्रदेश में शेर भेजे जाने को लेकर विरोध दर्ज कराया था. इन्हें आशंका थी कि वहां इन शेरों की देखभाल ठीक से नहीं हो पाएगी. गुजरात ने मध्य प्रदेश की याचिका का यह कहकर विरोध किया था कि पन्ना सुरक्षित वन क्षेत्र में राज्य अपने बाघों को भी नहीं बचा सका था. लेकिन न्यायालय ने वन्यजीव अधिकारियों को स्थानांतरण के लिए छह महीने का समय दिया है. मध्य प्रदेश के वन अभ्यारण्य, जो कि ज़्यादा घने जंगल हैं, में भेजे जाने वाले शेरों की सही संख्या के बारे में अगली तारीख में बताया जाएगा. न्यायाधीशों ने कहा कि नामीबिया से अफ्रीकी चीते भारत लाने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि जंगली भैंसा और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जैसी विलुप्त होने की कगार पहुंची देशी प्रजातियों के संरक्षण को प्राथमिकी दी जानी चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि एशियाई शेरों की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर है और उसे दूसरे घर की आवश्यकता है. मध्य प्रदेश के इस अनुरोध का गुजरात विरोध कर रहा था. गुजरात का तर्क था कि यह राज्य पन्ना अभयारण्य में बाघों को सुरक्षित नहीं रख सका है, ऐसी स्थिति में ये शेर भी वहां सुरक्षित नहीं रहेंगे.

 
 
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