जानें, शिवरात्रि पर क्या करें-क्या ना करें

जानें, शिवरात्रि पर क्या करें-क्या ना करें ताकि मिले अमिट फल

इस बार महाशिवरात्रि पर्व 24 फरवरी को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. शिव का अर्थ है कल्याणकारी, शिव यानि बाबा भोलेनाथ, शिवशंकर, शिवशम्भू, शिवजी, नीलकंठ और रूद्र आदि नाम से भगवान शंकर हिंदुओं के शीर्ष देवता हैं. वे देवों के देव महादेव कहे गए हैं. उनकी पूजा देवता ही नहीं वरन असुरों के देवराज तक करते हैं. भगवान शिव की पूजा आराधना की विधि सबसे सरल मानी जाती है. मान्यता है कि यदि शिव को सच्चे मन से याद कर लिया जाए तो शिव प्रसन्न हो जाते हैं. ये केवल जलाभिषेक, बिल्वपत्रों को चढ़ाने और रात्रि जागरण करने मात्र से ही कृपा कर देते हैं. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर लोग भगवान शिव को भांग, धतुर, बिल्ब पत्र, गन्ने का रस, बेर और धूप अक्षत अष्टगंध आदि चढ़ाकर पुण्य के भागी बनते हैं.

 
 
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