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- रेशम की डोर से बंधा एक रिश्ता...
रिश्ते ही हमारी पहचान हैं. जीवन की परिभाषा हम यहीं से सीखते हैं. ऐसा ही रिश्ता होता है भाई-बहन का. प्यार की डोर से बंधा ये मासूम रिश्ता जितना मजबूत होता है, उतना ही गहरा भी. यह एक ऐसा रिश्ता है कि एक साथ इसमें आपको कई रिश्ते का अहसास होगा. एक बहन कभी दोस्त होती है, तो जरूरत पड़ने पर मां भी बन जाती है, कभी- कभी तो पिता की भूमिका भी अदा करती है. हर अच्छे-बुरे वक्त में वह आपके साथ खड़ी होती है. कई बार यही भूमिका एक भाई भी अपनी बहन की जिंदगी में अदा करता है. एकता का पवित्र सूत्र हिन्दू श्रावण मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई का बहन के प्रति प्यार का प्रतीक है.
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