गर्भनिरोधक गोलियां हो सकती है जानलेवा

PICS: होशियार! गर्भनिरोधक गोलियों के हैं कई दुष्प्रभाव

गर्भनिरोधक गोली के बिना आज की दुनिया में परिवारनियोजन में ही नहीं, नारी समानता लाने में भी वह सफलता नहीं मिल पायी होती, जो मिल सकी है. आमतौर पर अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए डॉक्टर्स गर्भनिरोधक गोलियां लेने की सलाह देते हैं लेकिन कई बार गर्भनिरोधक गोलियों को लेने से होने वाले नुकसान डॅाक्टर नहीं बताते. लेकिन अब पता चला है कि ये गोलियाँ जानलेवा भी हो सकती हैं. पिछले साल स्विट्जरलैंड में एक युवा महिला की असमय मृत्यु ने गर्भनिरोधक गोली के इस खतरे को एक बार फिर उजागर कर दिया. उसकी मृत्यु फेफड़े में एम्बोली, यानी खून का एक छोटा सा थक्का फंस जाने से हुई थी. समझा जाता है कि यह थक्का गर्भनिरोधक गोली लेने से ही बना था. जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं, उन के शरीर में खून के थक्के बनने का खतरा अन्य महिलाओं की अपेक्षा बढ़ जाता है. यदि ऐसा कोई थक्का फेफड़ों में पहुँच जाता है, तो वह अक्सर जानलेवा भी साबित होता है. गर्भनिरोधक गोलियाँ बाजार में आए अब करीब 50 साल हो गए हैं. इस बीच उनकी तीसरी पीढ़ी बाजार में उपलब्ध है. विज्ञापनों में उनके पूरी तरह सुरक्षित होने की डींग हाँकी जाती है, लेकिन ऐसा है नहीं. स्त्रीरोग डॉक्टर क्लाउडिया त्सियरिस कहती हैं कि विभिन्न गोलियों के बीच मुख्य अंतर यह है कि उन के भीतर कौन सा हर्मोन है और कितनी मात्रा में है. इसी पर निर्भर करता है कि किस गोली में कौन से खतरे या उपप्रभाव छिपे हुए हैं. वह बताती हैं, 'गर्भनिरोधक गोली का मतलब यही है कि उसमें आम तौर पर दो अलग-अलग वर्गों के हार्मोन हैं. एक को एस्ट्रोजन और दूसरे को गेस्टाजन कहते हैं.'

 
 
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