शरद पूर्णिमा को चंद्रमा 16 कलाओं से रहता परिपूर्ण

PICS: शरद पूर्णिमा को चंद्रमा 16 कलाओं से रहता परिपूर्ण

शरद पूर्णिमा को चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है और माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा से कुछ विशेष दिव्य गुण प्रवाहित होते हैं. इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा व रस पूर्णिमा भी कहा जाता है. कई वैद्य इस दिन जीवन रक्षक विशेष औषधियों के निर्माण करते हैं. हिंदू परंपरा में रस पूर्णिमा का विशेष स्थान है. गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने बताया कि दशहरा से लेकर पूर्णिमा तक चंद्रमा से एक विशेष प्रकार का रस झरता है, जो अनेक रोगों में संजीवनी की तरह काम करता है. इसे औषधि रूप देने के लिए पूर्णिमा के दिन घरों की छतों पर खीर बनाकर रखते हैं. जब चांद की किरणें खीर पर पड़ती हैं तो वह अमृतमयी औषधि के रूप में काम करती है.

 
 
Don't Miss