पितृपक्ष: ...इसलिए पुनपुन में होता है प्रथम पिंडदान

पितृपक्ष: पुनपुन के घाट पर पिंडदानियों का तांता, गया से पहले यहां होता है पिंडदान

बिहार में गया के विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में फल्गु नदी या उसके तट पर पिंडदान का जहां बड़ा महत्व है वहीं दूसरी तरफ आदिगंगा कही जाने वाली पुनपुन नदी को पितृ तर्पण की प्रथम वेदी के रूप में स्वीकार किया गया है. अश्विन मास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से आरंभ हुए पितृपक्ष के मौके पर अपने पूर्वजों को पिंडदान अर्पित करने के लिए गया के अलावा औरंगाबाद जिले के सिरिस और पटना से लगे पुनपुन नदी के घाट पर पिंडदानियों का तांता लगा हुआ है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पुनपुन नदी को पितृ तर्पण की प्रथम वेदी के रूप में स्वीकार किया गया है. परंपरा के अनुसार पितृपक्ष के दौरान पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए गया में पिंडदान से पहले पितृ-तर्पण की प्रथम वेदी के रूप में मशहूर पुनपुन नदी में प्रथम पिण्डदान का विधान है.

 
 
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