तुलसी विवाह से मिलता है कन्यादान का पुण्य

PICS: चार मास बाद जागे भगवान विष्णु, होगी तुलसी जी की पूजा

चार मास से सोये भगवान लक्ष्मीनारायण सोमवार को जागे और इसी दिन से हिंदू समाज में मांगलिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हो गया. दरअसल दीपावली के पश्चात आने वाली एकादशी को ‘देव उठनी’या ‘प्रबोधिनी एकादशी’ कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि को देव शयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन उठते हैं. इसीलिए इसे देवोत्थान अथवा प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इसी दिन तुलसी जी का विवाह भी किया जाता है. शास्त्रानुसार इस दिन क्षीर सागर में सोये हुए भगवान विष्णु चार माह के बाद जागे थे. इसी कारण उनके शयनकाल के चार मासों में हिंदू समाज में विवाह आदि मांगलिक कार्य करना निषेध माना गया है. भगवान हरि के जागने के बाद ही इस देवोत्थानी एकादशी से सभी शुभ और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं.

 
 
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