शरद पूर्णिमा: ऐसे करें पूजा, अमृत के साथ होगी धन वर्षा

शरद पूर्णिमा की रात्रि मां लक्ष्मी करती हैं धरती पर भ्रमण, ऐसे करें पूजा, अमृत के साथ होगी धन वर्षा

अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा/व्रत की पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. शरद पूर्णिमा में चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा ली जाती है इसलिए शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को है. 16 अक्टूबर को स्नान दान की पूर्णिमा होगी. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो शरद पूर्णिमा पर दीप प्रज्ज्वलित करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन को रासोत्सव, कोजागर पूर्णिमा और अमृत पूर्णिमा कहते हैं. मान्यता है कि रासोत्सव का यह दिन वास्तव में भगवान कृष्ण ने जगत की भलाई के लिए निर्धारित किया था. ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर आकाश से अमृत वर्षा होती है. ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक पाण्डेय बताते हैं कि उत्तर, दक्षिण और पश्चिम में इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. भारतीय ज्योतिष की मान्यता है कि सम्पूर्ण वर्ष में अश्विनी मास की पूर्णिमा पर चंद्रमा षोडश कलाओं से परिपूर्ण होता है.

 
 
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