रौशनी खो रहे हैं दीये

PICS: आधुनिकता की चकाचौंध में खोयी दीपों की जगमग

आधुनिकता की चकाचौंध ने पुरानी भारतीय परंपरा और त्यौहारों के रिवायती खूबसूरती को तहस-नहस कर दिया है. यही कारण है कि पुरानी रिवायती वस्तुएं अपना वजूद खोती जा रही हैं. आधुनिकता के दौर में दीवाली अब रिवायत से दूर हो रहा है क्योंकि मिट्टी के दीपों की जगमग कहीं खो गयी है और उसकी जगह बिजली के बल्बों और मोमबत्तियों ने ले ली है. दीयों को रंगों से चमकाने वाले कुम्हारों की जिंदगी बेरंग होती जा रही है क्योंकि कभी यही उनकी आय का साधन था. समय के साथ-साथ लोगों ने दीयों के बजाय मोमबत्तियों को महत्व देना शुरू कर दिया और रंगबिरंगी रोशनी से सजावट का चलन चल पड़ा जिससे दिये घरों से गायब होने शुरू हो गये. लोगों ने यह समझना जरूरी नहीं समझा कि पर्यावरण को शुद्ध बनाने में घी या तेल के दीयों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है.

 
 
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