चार धाम: दिव्य तीर्थ के मुकुटमणि

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हिमालय सदियों से ऋषि-मुनियों तथा देवताओं की तपोस्थली रहा है. महान विभूतियों ने यहां तपस्या करके आध्यात्मिक शक्ति अर्जित की और विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया. बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री. उत्तराखंड के ये चार धाम हिमालय के दिव्य क्षेत्र तीर्थ के मुकुट मणि माने जाते हैं. भारतीय धर्मग्रंथों में इन तीर्थों की महिमा का विवरण देते हुए कहा गया है कि जिन पुण्यात्माओं को इन दिव्य तीर्थों का दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है, उनके न केवल इस जन्म के पाप धुल जाते हैं वरन वे जीवन-मरण के बंधन से भी मुक्त हो जाते हैं. इसीलिए बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र तीर्थ स्थल कहा गया है. इस स्थान के संबंध में यह भी कहा जाता है कि यह वही स्थल है जहां पृथ्वी और स्वर्ग एकाकार होते हैं. इन सभी तीर्थस्थलों के हिमालय पर्वतश्रृंखला की गोद में होने के कारण इनका धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्व है. चार धाम के दर्शन एक ही यात्रा में करने पर धार्मिक आधार पर सबसे पहले यमुनोत्री, फिर गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ और आखिर में बद्रीनाथ जाया जाता है. आइए जानते हैं आस्था के इस चार पुनीत केन्द्रों के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के बारे में....

 
 
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