मां देती हैं शुभ फल

 नवरात्रि काल सर्वाधिक फलदायी मुहूर्त, मां देती हैं शुभ फल

भारतीय दर्शन में नवरात्र काल को सर्वाधिक फलदायी आध्यात्मिक मुहूर्त की संज्ञा दी गयी है. मान्यता है कि जिस प्रकार दैनिक पूजा-आराधना के लिए ब्रह्म मुहूर्त और गोधूलि बेला सर्वोत्म मानी जाती है, उसी प्रकार जगत जननी मां दुर्गा की साधना-उपासना का सर्वाधिक फलदायी समय नवरात्रि काल माना जाता है. ‘मार्कण्डेय पुराण’ के अंश ‘दुर्गा सप्तशती’ में मां दुर्गा का महात्म्य विस्तार से वर्णित है जिसका निहितार्थ यह है कि मां दुर्गा की आराधना हमें दुष्प्रवृत्तियों से मुक्ति दिलाती है. नवरात्र में मां दुर्गा ने असुरों को मारकर यह संदेश दिया कि प्रत्येक असुर एक दुष्प्रवृत्ति का प्रतीक है, जिसका उन्होंने वध किया है. चूंकि हर व्यक्ति अच्छाई और बुराई का पुतला होता है और नवरात्र की विशिष्ट बेला हमें यह अवसर देती है कि हमें अपने भीतर की सद्प्रवृत्तियों को जगाकर दुष्प्रवृत्तियों को नष्ट कर देना चाहिए.

 
 
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