मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता...

 या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता...

शारदीय नवरात्र का आज तीसरा दिन है. आज माता भगवती के चन्द्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है. नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन आराधन किया जाता है. इस दिन साधक का मन मणिपूर चक्र में प्रविष्ट होता है. मां चंद्रघंटा की कृपा से साधकों को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियां सुनाई देती हैं. ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं. माता के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचन्द्र है, जिस कारण इन्हें चन्द्रघंटा कहा जाता है. चन्द्रघंटा का वाहन सिंह है, जिस पर दस भुजाधारी माता चन्द्रघंटा प्रसन्न मुद्रा में विराजित होती हैं. देवी के इस रूप में दस हाथ और तीन आंखें हैं.

 
 
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