गंगा दशहरा के दिन हुआ था मां गंगा का धरती पर आगमन

PICS: गंगा दशहरा के दिन हुआ था स्वर्ग से मां गंगा का धरती पर आगमन

हिंदु ग्रंथों की मान्यता के मुताबिक स्वर्ग लोक से ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को सूर्यवंशी राजा भगीरथ ‘देवनदी गंगा' को पृथ्वी पर लाए थे. इस दिन को लोग गंगा दशहरा के रूप में मनाते हैं. इस बार दशमी तिथि और हस्त्र नक्षत्र का योग 14 जून को होने के कारण गंगा दशहरा 14 जून को मनाया जायेगा भारत भूमि में जिस तरह संस्कृत भाषा को ‘देववाणी’ की मान्यता प्राप्त है, उसी प्रकार गंगा को ‘देवनदी’ की. धवल स्वेत वस्त्राभूषणों में सुशोभित चतुर्भुजस्वरूपिणी, मकरवाहिनी मां गंगा को कलिमलदहिनी और पापनाशिनी कहा जाता है. श्रीमद् भागवत पुराण, वाल्मीकि रामायण और महाभारत आदि ग्रंथों में गंगाजी की उत्पत्ति (गंगा सप्तमी) और गंगा का धरा पर अवतरण (गंगा दशहरा) का विवरण मिलता है. सूर्यवंशी राजा भगीरथ कठोर तप को सफल करने के प्रयोजन से ज्येष्ठ मास के शुक्ल दशमी तिथि देव नदी गंगा का धराधाम पर अवतरण हुआ. धर्मग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि जिस दिन गंगा अवतरण हुआ, उस दिन दस दिव्य योग एक साथ थे. ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुध दिन, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात, गर और आनंद योग तथा कन्या राशि में चंद्रमा तथा वृष राशि में सूर्य थे.

 
 
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