- पहला पन्ना
- लाइफस्टाइल
- 112 वर्ष बाद बनेगा ऐसा संयोग
ऐसा दुर्लभ संयोग अगले 112 वर्ष बाद आएगा. यह संयोग अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने पर कुंभ पर्व से भी ज्यादा फल दिलाएगी. ज्योतिर्विद का कहना है वृष राशि के गुरु की मकर के सूर्य व चंद्रमा पर नौवीं दृष्टि पडऩे पर प्रयाग में कुंभपर्व लगता है. जबकि 20 जनवरी मंगलवार को सूर्य, चंद्रमा व बुध मकर राशि में रहेंगे, जिनके ऊपर कर्क राशि में उच्च के गुरु की दृष्टि पड़ेगी. जो कुंभपर्व से भी अधिक कल्याणकारी योग है. वैवर्त पुराण व निर्णय सिंधु के अनुसार ऐसे योग में गंगा-यमुना में स्नान कर दान करने से एक हजार गाय के दान व एक हजार यज्ञ का फल प्राप्त होता है. श्रीधर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी कहते हैं अमावस्या तिथि 19 की रात 9.22 बजे लगकर मंगलवार की शाम 7.32 बजे तक रहेगी. सूर्य, बुध व चंद्रमा 20 जनवरी की सुबह 9.03 पर मकर में आएंगे तभी अमावस्या का महत्व शुरू होगा. महाभारत के एक दृष्टांत में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि माघ मास के दिनों में अनेक तीर्थों का समागम होता है, वहीं पद्मपुराण में कहा गया है कि अन्य मास में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं.