सही स्ट्रैटेजी के साथ करें तैयारी

सही स्ट्रैटेजी के साथ करें तैयारी

परीक्षाओं का मौसम लौट आया है. ये भी संयोग है कि साल के जिस हिस्से में मौसम सबसे ज्यादा सुहावना होता है, उन्हीं दिनों युवाओं को परीक्षा का सबसे ज्यादा टेंशन झेलना पड़ता है. कितनी भी तैयारी कर लो, रीविजन कर लो, संतोष नहीं होता. आइये, हम आपको बताते हैं परीक्षा के डर से निपटने और बेहतरीन तरीके से इम्तहान देने के कुछ तरीके.. डर के आगे जीत है: डर से कभी डरें नहीं. सबसे पहले तो डर है क्या, ये समझें. डर का मतलब है- आत्मविशवास की कमी या अपनी तैयारी के प्रति असंतोष से उपजा असफलता का अहसास. डर हमेशा बुरा ही नहीं होता. ये अच्छा भी होता है, क्योंकि ये हमें अपनी कमी का अहसास दिलाता है. इससे निपटने का बेहतर तरीका तो यही है कि आप अपनी तैयारी पर फिर से नजर डालें और वो बिंदु चिन्हित करें जहां आपको लगता है कि कमी रह गई है. एक बार जब आपको कमी पता चल जाए, उसे दूर करने की कोशिश करें. इससे आपका डर भले ही पूरी तरह खत्म न हो, कम जरूर हो जाएगा. डर आपको प्रेरणा भी देता है- आगे बढ़ने की, खुद की बनाई सीमाओं से आगे जाने की.

 
 
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