घट रहे गर्भवती महिलाओं में रक्तहीनता के मामले!

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सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि साल 2015 में करीब एक दशक बाद रक्तहीनता से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की संख्या में 12 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. लेकिन यह भी सच्चाई है कि अन्य देशों की अपेक्षा और वैश्विक औसत दर की तुलना में रक्तहीनता से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की संख्या भारत में ज्यादा है. साल 2015-16 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-4) के लिए 14 राज्यों के सर्वे दर्शाते हैं कि एक दशक पहले रक्तहीनता से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की संख्या 57 प्रतिशत थी, जो घटकर 45 प्रतिशत हो गई. इंडिया स्पेंड विश्लेषण के एनएफएचएस-4 आंकड़े के अनुसार, रक्तहीनता से पीड़ित गर्भवती महिलाओं (15 से 49 वर्ष) की संख्या में कमी का संबंध स्वच्छता और महिलाओं की शिक्षा में सुधार से है. रक्तहीनता से पीड़ित महिला के मरने या उनके द्वारा सामान्य से कम वजन के बच्चे को जन्म देने की संभावना अधिक रहती है. साथ ही नवजात शिशु की मृत्यु की आशंका भी बढ़ जाती है.

 
 
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