अक्षय कुमार से चंडीगढ़ में एसआईटी ने की पूछताछ

Last Updated 21 Nov 2018 01:19:57 PM IST

बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार बुधवार को पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश हुए। अक्षय पर विवादित संत गुरमीत राम रहीम और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के बीच मध्यस्थता कराने का आरोप है।


बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार (फाइल फोटो)

पुलिस सूत्रों ने कहा कि पूछताछ सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई और वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा है।

अक्षय, बुधवार सुबह चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे और एसआईटी के सामने उपस्थित होने के लिए सीधे सेक्टर-9 में स्थित पंजाब पुलिस मुख्यालय चले गए।

पंजाब पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में कुमार को गवाह के रूप में तलब किया था।

अक्षय ने मंगलवार को एक अनुरोध किया था कि उन्हें अमृतसर की बजाय चंडीगढ़ में एसआईटी अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी जाए, जहां उन्हें मूल रूप से तलब किया गया था।

एसआईटी साल 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के मामले की जांच कर रही है।

अक्षय से साल 2015 में विवादित संत राम रहीम की फिल्म की रिलीज के महज कुछ दिनों पहले उसकी और सुखबीर बादल के बीच 100 करोड़ रुपये का सौदा कराने में उनकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ की गई, जिसे (राम रहीम) बाद में बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया और 20 वर्ष की जेल की सजा हुई।

51 वर्षीय अभिनेता ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने ऐसी किसी भी मुलाकात की व्यवस्था की थी या सौदे को कराने में कोई भूमिका निभाई थी। उन्होंने राम रहीम सिंह के साथ उनकी भागीदारी के बारे में आरोपों को 'अफवाहें और झूठे बयान' कहा।

अक्षय ने पंजाब पुलिस द्वारा तलब किए जाने के बाद हाल ही में ट्वीट किया था, "मैं जिंदगी में कभी भी, कहीं भी गुरमीत राम रहीम से नहीं मिला हूं। मुझे सोशल मीडिया से पता चला कि राम रहीम कुछ समय के लिए मुंबई के जुहू में मेरे ही इलाके में कहीं रहता था। लेकिन, हम दोनों एक-दूसरे से कभी नहीं मिले।"

वहीं, सुखबीर बादल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के बाहर अक्षय से उनकी कभी कोई मुलाकात नहीं हुई। बादल ने कहा, "मैं अक्षय कुमार से पंजाब के बाहर कभी नहीं मिला।'

एसआईटी ने सोमवार को पंजाब पुलिस मुख्यालय में सुखबीर बादल से पूछताछ की थी। उन्होंने पूछताछ को शर्मनाक बताते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अगुवाई में पंजाब में कांग्रेस सरकार राजनीतिक बदला की भावना से यह कर रही है।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से 16 नवंबर को अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (एडीजीपी) प्रमोद कुमार और महानिरीक्षक कुंवर विजय प्रताप की अगुवाई में पूछताछ की गई थी।

प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि उन्होंने एसआईटी को बताया कि उन्होंने अक्टूबर 2015 में बेअदबी के खिलाफ आंदोलन करने वाले सिख प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने का आदेश नहीं दिया था।

इससे पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि एसआईटी द्वारा बादल और अभिनेता को तलब किए जाने में उनकी सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

अक्टूबर 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के मामलों की जांच के लिए इस साल सितंबर में अमरिंदर सरकार द्वारा एसआईटी गठित की गई थी, उस समय राज्य में अकाली दल-भाजपा गठबंधन सरकार थी और प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे।

फरीदकोट जिले के कोटकपुरा के बेहबल कलां गांव में पुलिस की गोलीबारी में दो लोग मारे गए थे।

आईएएनएस
चंडीगढ़


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment