रिलीज से पहले ही 'शोरगुल' अधर में
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2013 में हुये दंगे पर आधारित बालीवुड फिल्म 'शोरगुल' रिलीज होने से पहले ही अधर में लटकती नजर आ रही है.
'शोरगुल' पोस्टर |
फिल्म के प्रदर्शन का विरोध राज्य के कुछ सामाजिक और राजनीतिक संगठन कर रहे हैं.
कुछ मुस्लिम संगठनों ने फिल्म में एक समुदाय विशेष की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुये नायक जिम्मी शेरगिल के खिलाफ फतवा जारी किया है.
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने हालांकि फिल्म पर प्रतिबंध लगाये जाने की किसी भी संभावना से इन्कार करते हुये कहा, \'यह सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है हालांकि कुछ सामाजिक संगठन फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की फरियाद के साथ उनके पास आये थे मगर इस बारे में अब तक कोई फैसला नही लिया गया है.
अब यह थियेटर मालिकों पर निर्भर करता है कि वह अपने छविगृह में फिल्म का प्रदर्शन करते है अथवा नहीं.
मेरठ के जिलाधिकारी पंकज यादव ने कहा कि हम अभी फिल्म की पटकथा का अध्ययन कर रहे हैं. इसके बाद फिल्म के प्रदर्शन के बारे में निर्णय लिया जायेगा। जब तक फिल्म नही देख लेते, इस बारे में कोई फैसला कैसे लिया जा सकता है.
फिल्म के ट्रेलर में जिम्मी शेरगिल को संगीत सोम की भूमिका में दर्शाया गया है.
गौरतलब है कि फिल्म में गोधरा, बाबरी मस्जिद और मुजफ्फरनगर हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाया गया है. फिल्म के प्रोड्यूसर्स ने बताया कि फिल्म में एक संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है. \'शोरगुल\' ने गंभीर विषयों के अलावा फिल्म में नौकरशाहों के गलत कामों, चालबाजियों और कुछ हाई प्रोफाइल शख्सियतों से जुड़े विवादास्पद मामलों का भी जिक्र है.
शोरगुल के प्रोड्यूसर्स में से एक व्यास वर्मा ने कहा, हमने बार-बार कहा है कि \'शोरगुल\' किसी खास घटना पर नहीं बनी है. बल्कि यह समाज में होने वाली घटनाओं की एक परछाई है. इसमें उन मुद्दों को उठाया गया है जो देश के लिए चिंता का कारण हैं.
पहले फिल्म को 17 जून को रिलीज किया जाना था, लेकिन विरोध के चलते फिल्म की रिलीज की डेट 24 जून रखी गई, लेकिन अब लग रहा कि फिल्म की रिलीज जुलाई के लिए टाली जा सकती है.
बता दें कि फिल्म को कोर्ट और सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिल गई है. इसके बाद भी राजनीतिक लोगों द्वारा फिल्म का विरोध किया जा रहा है. यही कारण है कि सिनेमा घर वाले इसे चलाने से खौफ खा रहा है.
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