बॉलीवुड में घटा उर्दू का इस्तेमाल: तिगमांशु धुलिया

Last Updated 14 Feb 2016 09:51:15 PM IST

फिल्मकार तिगमांशु धुलिया ने बॉलीवुड में उर्दू के कम इस्तेमाल की वजह दक्षिण भारतीय फिल्मों की रिमेकिंग को बताया है जो 1980 के दशक में शुरू हुई.


तिगमांशु धुलिया


   
‘पान सिंह तोमर’ के निर्देशक ने कहा कि 1980 का दशक वह काल था जब सिनेमा को काफी कुछ सहना पड़ा था.
   
उर्दू का जश्न मनाने वाले उत्सव ‘जश्न ए रखता 2016’ के इतर उन्होंने कहा, ‘‘बॉलीवुड में उर्दू का इस्तेमाल घटा है. दरअसल इसकी शुरूआत 1980 में हुई तब हिन्दी सिनेमा ने असल में गिरावट का सामना किया था.’’
   
फिल्मकार ने कहा, ‘‘थिएटर का चलन कम हुआ, आरडी बर्मन जैसे दिग्गज संगीतकारों ने रचना करनी बंद कर दी और हम दक्षिण भारतीय फिल्मों की रिमेकिंग करने लगे. लोग थिएटरों में कम जाने लगे.’’
   
धुलिया ने ‘अतीत और वर्तमान की फिल्मों में उर्दू’ विषय पर एक सत्र को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिन्दी फिल्में 1980 के दशक के बाद पूरी से पलट गई हैं और निर्देशक ने एनआरआई दर्शकों के लिए फिल्में बनाना शुरू कर दीं.
   
चर्चा में निर्देशक इम्तियाज अली और जानेमान पटकथा लेखक जावेद सिद्दीकी भी थे.

 



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