फिल्म निर्देशन, निर्माण क्षेत्र में अब पुरूषों का प्रभुत्व नहीं: जावेद अख्तर
गीतकार-कवि जावेद अख्तर ने कहा कि फिल्म निर्माण अब और पुरूषों के प्रभुत्व का क्षेत्र नहीं रहा क्योंकि बहुत सारी महिलाएं निर्देशन एवं निर्माण के क्षेत्र में पहचान बना रही हैं.
गीतकार-कवि जावेद अख्तर |
71 साल के लेखक ने सिनेमा के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की सफलता और अपने पुरूष समकक्षों को पीछे छोड़ने को सकारात्मक मानते हैं.
उन्होंने नई दिल्ली में उर्दू महोत्सव ‘जश्न ए रेख्ता’ में कहा, ‘‘पूर्व में महिलाएं पार्श्वगायन, अभिनय और केश साज सज्जा के क्षेत्र तक सीमित थे लेकिन आज सिनेमा से जुड़ा ऐसा कोई पेशा नहीं है जहां महिलाएं ना हों.’’
अख्तर ने कहा, ‘‘किसी ने नहीं सोचा था कि महिलाएं फिल्में निर्देशित करेंगी. आज महिलाएं बहुत सारी सफल फिल्मों का निर्देशन कर रही हैं. अब किसी को इस पर हैरत नहीं होती. फिल्म निर्माण अब पुरूषों की जागीर नहीं है, इसका जिम्मा महिलाएं भी संभाल रही हैं. बहुत सारी शानदार महिला पटकथा लेखक हैं. मैं उनका सम्मान करता हूं.’’
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए अपना प्रभुत्व दिखाने का एकमात्र क्षेत्र जो बचा हुआ है वह संगीत रचना का है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वहां भी स्थिति ‘जल्द ही बदलेगी.’
‘जिंदगी, आशिकी और शायरी’ सत्र के दौरान अपने संबोधन में गीतकार ने कहा कि भारत में पुरूषों की तुलना में महिला लेखकों की संख्या कम है क्योंकि उन्हें सफलता के पर्याप्त अवसर नहीं मिलते.
उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है और हमें अब भी लंबा सफर तय करना है.
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