सोशल मीडिया के युग में सेंशरशिप अप्रासंगिक: दिव्या दत्ता
अभिनेत्री दिव्या दत्ता का मानना है कि जब सब कुछ आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है तब देश में फिल्मों पर सेंशरशिप का कोई मतलब नहीं है.
अभिनेत्री दिव्या दत्ता |
‘भाग मिल्खा भाग’ की 38 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि वह फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल से सहमत हैं जिन्होंने हाल ही में कहा है कि सेंशरशिप समाप्त कर दिया जाना चाहिए.
दिव्या ने कहा कि आज दर्शक बहुत समझदार हैं और वह क्या देखना चाहते हैं उनके पास इसका अधिकार होना चाहिए.
दिव्या ने बताया, ‘‘मुझे लगता है कि असहिष्णुता हर किसी के लिए वर्जित हो गई है. अगर आप सेंशरशिप के बारे में बात करते हैं तब मैं बेनेगल से सहमत हूं. सिनेमा एक रचनात्मक माध्यम है. निर्देशक को अभिव्यक्ति की आजादी है. सोशल मीडिया के युग में इंटरनेट पर सब कुछ एक क्लिक दूर है, मुझे आश्चर्य हो रहा है कि कैसे कुछ बातों को रोका जा सकता है.’’
उन्होंने बताया, ‘‘दर्शक बहुत समझदार हैं. हम जानते हैं हमें क्या चाहिए और हमें यह चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि हम क्या देखना चाहते हैं.’’
पुरूष और महिला कलाकारों को मिलने वाली राशि में फर्क के बारे में पूछे जाने पर दिव्या ने कहा कि वह दीपिका पादुकोण और कंगना रानावत का समर्थन करती हैं, जो समान धन दिए जाने की मांग कर रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग और आपूर्ति उद्योग में जीते हैं. आप उन्हें एक हिट फिल्म दीजिए और वह आपको पैसा देंगे. आज अगर दीपिका पादुकोण और कंगना रानावत जैसी अभिनेत्रियां अपने सह अभिनेताओं के बराबर या उनसे ज्यादा धन की मांग कर रही हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है क्योंकि वह हिट फिल्में दे रही हैं.’’
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