संगीतकार रवीन्द्र जैन का निधन
मशहूर संगीतकार रवीन्द्र जैन का लीलावती अस्पताल में निधन हो गया है.
मशहूर संगीतकार रवीन्द्र जैन |
उन्हें तबीयत खराब होने के बाद यहां लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रवीन्द्र जैन किडनी में समस्या होने की वजह से यूरिनरी इंफेक्शन से पीड़ित थे.
जैन का इलाज बांद्रा में लीलावती अस्पताल में कराने के लिए उन्हें बुधवार को एक चार्टर्ड एयर एम्बुलेंस द्वारा नागपुर के वॉकहार्ट अस्पताल से मुंबई लाया गया था.
जैन काफी समय से बीमार थे और लीलावती अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
आपको बता दें पिता पंडित इन्द्रमणि जैन तथा माता किरणदेवी जैन के घर 28 फरवरी 1944 को अलीगढ़ में रवीन्द्र जैन का जन्म हुआ. जन्म से उनकी आँखें बंद थीं जिसे पिता के मित्र डॉ. मोहनलाल ने सर्जरी से खोला.
साथ ही यह भी कहा कि बालक की आँखों में रोशनी है, जो धीरे-धीरे बढ़ सकती है, लेकिन इसे कोई काम ऐसा मत करने देना जिससे आँखों पर जोर पड़े.
पिता ने डॉक्टर की नसीहत को ध्यान में रखकर संगीत की राह चुनी जिसमें आँखों का कम उपयोग होता है.
लोकप्रिय गीत
गीत गाता चल, ओ साथी गुनगुनाता चल (गीत गाता चल- 1975)
जब दीप जले आना (चितचोर- 1976)
ले जाएँगे, ले जाएँगे, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे (चोर मचाए शोर- 1973)
ले तो आए हो हमें सपनों के गाँव में (दुल्हन वही जो पिया मन भाए- 1977)
ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए (पति, पत्नी और वो- 1978)
एक राधा एक मीरा (राम तेरी गंगा मैली- 1985)
अँखियों के झरोखों से, मैंने जो देखा साँवरे (अँखियों के झरोखों से- 1978)
सजना है मुझे सजना के लिए (सौदागर- 1973)
हर हसीं चीज का मैं तलबगार हूँ (सौदागर- 1973)
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम (गीत गाता चल- 1975)
वृष्टि पड़े टापुर टूपुर (पहेली- 1977)
सुन सायबा सुन, प्यार की धुन (राम तेरी गंगा मैली- 1985)
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