AK- 56 "प्रतिबंधात्मक सूची" में नहीं, संजय दत्त को मिल सकती है राहत
अभिनेता संजय दत्त के लिए अच्छी खबर है. उन्हें गलत सजा दी गई. 1993 बम धमाके मामले में अवैध हथियार रखने के मामले में उन्हें राहत मिल सकती है.
अभिनेता संजय दत्त (फाइल) |
1993 बम धमाके मामले में अवैध हथियार रखने के मामले में अभिनेता संजय दत्त को राहत मिल सकती है. संजय दत्त के साथ आर्म्स एक्ट में सजा पाए सह अभियुक्त यूसुफ मोहसिन नलवाला ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है.
याचिका में कहा गया कि राइफल रखने मामले में उसकी सजा गलत है क्योंकि AK- 56 "प्रतिबंधात्मक सूची" में नहीं है.
नलवाला ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे सजा स्टैण्डर्ड 56 टाइप राइफल रखने के तहत दी गई है जबकि आम्र्स एक्ट की धारा 2 (1) (1) की परिभाषा के तहत यह प्रतिबंधात्मक हथियार नहीं है.
AK-56 टाइप राइफल सेमी ऑटोमैटिक राइफल है. यह ऑटोमैटिक नहीं है. अदालती सूत्रों के अनुसार अगर यूसुफ को कोर्ट से राहत मिलती है तो संजय दत्त जेल से फिर से बाहर आ सकते हैं.
मालूम हो कि ऑटोमैटिक हथियार रखने के मामले में 5 साल की सजा का प्रावधान है जबकि सेमी ऑटोमैटिक हथियार रखने की सजा 3 साल है.
वर्तमान में संजय दत्त और नलवाला दोनों अवैध हथियार रखने के मामले में पांच साल की सजा काट रहे हैं. नलवाला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने कहाकि कोर्ट की ओर से दिए गए सारे फैसले परफेक्ट नहीं होते.
जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बैंच ने कहाकि आप क्यूरेटिव पीटिशन दायर कीजिए और मुद्दा उठाइए.
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