मीडिया : पान मसाले वाला जेम्स बांड
जो बंदा कुछ साल पहले तक ‘जेम्स बांड’ हुआ करता था, जिसके एक हाथ में गोलियों से भरी पिस्तौल, दूसरे हाथ में कोई अधनंगी विश्व सुंदरी हुआ करती थी,
सुधीश पचौरी |
जो अपनी बांड-फिल्मों के प्रोमोज में हमेशा सूटबूट टाई कसे स्क्रीन के एक कोने से निकल कर दूसरे कोने तक जाते हुए स्क्रीन के ठीक बीच में ठहर कर अपनी पिस्तौल से अचानक फायर कर दिया करता था, और गोली हम दर्शकों की ओर तेजी से आती हुई परदे पर खून ही खून बिखरा जाती थी, वही जेम्स बांड इन दिनों हमारे चैनलों में ब्रेक के बाद एक खास ब्रांड का पान मसाला बेचता फिरता है!
इस पर भी लोगों को चैन नहीं है.
इस बात पर भी उसके पीछे पड़े हैं कि वो पान मसाला बेच रहा है कि तंबाकूवाला मसाला बेच रहा है? और अब इसकी जबावदेही करनी पड़ रही है. वो बयान देता फिर रहा है कि मुझे यह पता नहीं था कि पान मसाला बिकवाने वाले मुझे बेचने के लिए जो दे रहे हैं उसमें कोई ऐसी चीज भी है जिससे कैंसर हो सकता है! मेरी बीवी की मौत भी कैंसर से हुई है. मैं ऐसे किसी भी पदार्थ को कैसे बढ़ावा दे सकता हूं जो इतना खतरनाक हो? उसे सुनकर पहली बार हमें जेम्स बांड से हमदर्दी महसूस हो रही है कि देखो तो दुनिया का सबसे सफल ‘हिटमैन’ कहां आकर फंसा है? आपने अपने टीवी सेट में पान मसाला बेचते हुए इस जेम्स बांड को अवश्य ही देखा होगा. वह अक्सर पान मसाला बेचने आता रहता है. उसके आने का सीन एकदम जेम्स बांड वाला है. एक बड़े अंधियारे से हॉल में ज्यों ही एंट्री लेता है, त्यों ही उसको मारने या शायद उसका पान मसाला लूटने के लिए पांच छह सूट बूट वाले गुंडे कहीं से आ टपकते हैं. वो उसको घर लेते हैं. इसे देखकर जेम्स बांड फौरन अपने पान मसाले वाले डिब्बे को छत की ओर फेंकता है और जितनी देर में पान मसाले का डिब्बा लौटकर उसके कर कमलों की शोभा बढाता है, उतनी देर में वह उन गुंडों को धूल चटा देता है.
पान मसाले का डिब्बा फिर उसके हाथों में आ जाता है. विजय का संगीत बजता है, और पान मसाले का निशान सामने आता है. लेकिन हमारा मीडिया भी ऐसा दिलजला है कि उसे इस पर भी आपत्ति है. जरा देखिए तो कि जैसे ही जेम्स बांड पीयर्स ब्रान ने पान मसाले का विज्ञापन किया और वह हमारे चैनलों और अखबारों में बार बार दिखने लगा त्यों ही कुछ जलोकड़े अखबारों ने चुटकी लेनी शुरू कर दी, ‘देखा जेम्स बांड मसाला बेच रहा है’! यह भी क्या बात हुई? जेम्स ब्रांड जैसा अकडू अंग्रेज तक आपकी सेवा में है, इस पर भी आपको चैन नहीं. ब्रान को अब जेम्स बांड की फिल्मों काम नहीं मिलता. उनकी जगह नए जेम्स बांड ने ले ली है जिसका नाम डेनियल क्रेग है जिसकी हैंडलर आंटी एम सिक्सटीन पिछली ही फिल्म ‘सोलेस’ में मर चुकी है और फिर भी अगली फिल्म के लिए वो मुहमांगा दाम मांग रहा है जो उसे मिल नहीं रहा है.
जेम्स बांड ‘मेक इन इंग्लैंड’ वाला माल था, जिसे शीतयुद्ध के दिनों में बनाया गया था. अमेरिका और इंग्लैंड को ‘सोवियत यूनियन’ तंग करता रहता था. सोवियत से निपटने के लिए अंग्रेजों ने एक ऐसा नया जासूस बनाया जो तकनीक सावी था. ताकत का भंडार था और जिसके पास अंग्रेज की अकल थी कि वह खुले आम सोवियत संघ में घुस जाता. उसके सामरिक ठिकानों को खत्म करता. उनकी किसी सुंदरी को फुसलाता और आखिरी सीन में किसी ‘लक्जरी याट’ (विलास नौका) पर नीले समुंदर की लहरों पर दुश्मन की जासूस विश्व सुंदरी से रमण करता दिखता.
उसकी हेंडलर आंटी एम सिक्सटीन उसे दूरबीन से बदमाशी करते देखती, प्यार से कोस रही होती कि ये बदमाश बांड का बच्चा कभी सुधरने वाला नहंीं और वह उसको अगले एक्शन के लिए भेज देती. फिर वही ठांय और वही ठुस्स. फिर बगल में एक सुंदरी और फिर पिस्तौल और वो भी स्क्रीन के एन बीच में आकर धायं. फिर खूनमखून! सब ब्रेक्सिट का किया धरा है कि दुनिया का सबसे ताकतवर सबसे होशियार हिंसक व सफल जासूस आज हमारे बीच पांच दस रुपये वाला पान मसाला बेचता फिरता है, और विवाद में फंसता रहता है. ब्रेक्सिट के बाद बांड भैया का ऐसा बुरा हाला होगा, यह सोच कर बांड फिल्मों से अब मन हटने लगा है. अब क्या देखेंगे जेम्स बांड को? वो तो पान मसाला बेच रहा है, जिसे हमारे यहां किसी भी नुक्कड़ पर कोई भी पान वाला अपनी छोटी-सी दुकान में बैठा बेचता रहता है! उसे क्यों देखें? अपने पान वाले कोही देख लें. वो क्या उससे कम है? देखते जाइए. एक दिन नया जेम्स बांड डेनियल क्रेग भी बेचेगा पान मसाला. यह दौर पान मसाले का है.
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