क्रिकेट : विराट सेना का जीत से आगाज

Last Updated 28 Sep 2016 03:15:44 AM IST

टीम इंडिया ने 500वें एतिहासिक टेस्ट में न्यूजीलैंड पर 197 रन से विजय हासिल करके सीरीज में परिणाम के बारे में संकेत दे दिए हैं.


क्रिकेट : विराट सेना का जीत से आगाज

इस टेस्ट में सिर्फ दूसरे दिन न्यूजीलैंड के उच्चक्रम के बल्लेबाजों ने जब फाइट की, तब लगा कि भ्रमणकारी टीम आसान नहीं है. लेकिन भारतीय स्पिनरों के चलते ही मैच में संघर्ष की बात बेमानी हो गई और अश्विन और रविंद्र जडेजा ने दिखाया कि जीत दिलाने के लिए यह दो ही काफी हैं.

भारत के लिए इस जीत के बहुत मायने हैं. इससे पहले भारतीय टीम ने 300वें टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका को और 400वें टेस्ट में वेस्ट इंडीज को हराया था. मगर भारत पहला और 100वां टेस्ट इंग्लैंड से हारा था और 200वां टेस्ट पाकिस्तान से ड्रा खेला था. भारतीय टीम यदि कोलकाता में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट को जीतने में सफल हो जाती है तो वह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में टॉप पर पहुंच जाएगी. इस समय भारतीय टीम पाकिस्तान से एक अंक पीछे है. विराट ने एक बार फिर दिखाया  कि वह लीक पर चलने वाले कप्तान नहीं हैं. भारतीय टीम आमतौर पर पांच गेंदबाजों के साथ खेलती रही है और पिछले वेस्ट इंडीज दौरे पर भी भारत ने पांच गेंदबाजों को खिलाया था.

लेकिन कानपुर टेस्ट में विराट ने जब सिर्फ चार गेंदबाजों के साथ खेलने का फैसला किया तो हल्की आलोचना का स्वर उभरा पर मुखर रूप से कोई भी सामने नहीं आया. इस फैसले के बारे में कहा गया कि विराट अंतिम एकादश में रोहित शर्मा की जगह बनाने के लिए चार गेंदबाजों के साथ उतरे हैं. लेकिन अब विराट के फैसले ने रंग दिखा दिया है तो इस फैसले की प्रशंसा होने लगी है. पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ने कहा कि विराट का चार गेंदबाजों को खिलाने का फैसला एकदम सही है. अश्विन और जडेजा ऐसे गेंदबाज हैं जो अकेले दम सामने वाली टीम के 20 विकेट लेने का माद्दा रखते हैं.

इस जोड़ी ने प्रतिद्वंद्वी टीम के 20 में से 16 विकेट झटककर कप्तान कोहली के चार गेंदबाजों के साथ खेलने के फैसले को उचित ठहराया. अश्विन ने तो कॅरियर में पांचवीं बार मैच में 10 विकेट निकालने का गौरव हासिल कर लिया. भारतीय गेंदबाजों में हरभजन सिंह भी पांच बार 10 या उससे ज्यादा  विकेट हासिल कर सके हैं. पर रिकार्ड अनिल कुंबले के नाम (आठ बार) है. अश्विन ने इस टेस्ट में 225 रन देकर कुल 10 विकेट हासिल किए और इससे वह मात्र 37 टेस्ट में 200 विकेट पूरे करने वाले दूसरे सबसे तेज गेंदबाज बन गए. आस्ट्रेलिया के क्लेरी ग्रिमेट ने द्वितीय विश्व युद्ध से पहले मात्र 36 टेस्ट में 200 विकेट पूरे करने का रिकार्ड बनाया था.

विराट और कुंबले की कप्तान और कोच की जोड़ी खिलाड़ियों के खेल में जरूरत के हिसाब से बदलाव करा रही है. इसकी वजह से ही वेस्ट इंडीज दौरे पर खराब प्रदर्शन करके टीम से बाहर होने के कगार पर पहुंचे चेतेश्वर पुजारा ने इस टेस्ट जीत में दो अर्धशतक जमाकर अहम भूमिका निभाई. उन्होंने पहली पारी में 109 गेंद में 62 रन और दूसरी पारी में 152 गेंद में 78 रन की पारी खेली. इन दोनों पारियों को देखने से साफ है कि वह टेस्ट मैचों में जिस रफ्तार से खेलते रहे थे, उसमें गजब की तेजी लाने में सफल रहे हैं.

इन पारियों से पुजारा के भरोसे में भी बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह रोहित शर्मा वनडे के बेजोड़ खिलाड़ी माने जाते हैं पर टेस्ट टीम में वह कभी पूरे भरोसे के साथ खेलते नहीं दिखे हैं. पर इस बार लगा कि कप्तान कोहली द्वारा जताए भरोसे पर वह खरे उतरने को तैयार हैं. उन्होंने 35 और नाबाद 68 रन की पारियों से टीम में जगह बनाए रखने की उम्मीद बनाई है. इसी तरह कोहली ने लोकेश राहुल पर भरोसा बनाए रखा और इसके लिए शिखर धवन को बहार बैठाने में कोई गुरेज नहीं किया. किसी भी टीम में ऑलराउंडर के बल्ले से रन निकलने लगें तो कप्तान के लिए एक अतिरिक्त गेंदबाज या बल्लेबाज को खिलाकर टीम को संतुलित करने का मौका मिल जाता है. भारतीय टीम में अश्विन और जडेजा उम्दा गेंदबाजी के साथ बल्ले से भी जौर दिखाने लगे हैं, इससे कोहली के लिए हालात आसान हुए हैं. विराट का घर में खेले जाने वाले 13 टेस्ट के पहले में जीत से शुरुआत करने से यह साफ है कि आने वाले दिनों में भारतीय टीम शिखर पर मजबूती के साथ जम सकती है.

मनोज चतुर्वेदी
लेखक


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