कटाक्ष : फेल होने के लिए मेहनत
बच्चे पास होने के लिए देखिए कितनी मेहनत करते हैं. रात-रात भर जागते हैं. पूरे-पूरे दिन दोस्तों से नोट्स शेयर करते हैं.
कटाक्ष : फेल होने के लिए मेहनत |
फेसबुक को भूल जाते हैं. टी वी से दूरी बना लेते हैं. ऐसे धार्मिक हो जाते हैं कि देवी-देवताओं को चढ़ाने लगते हैं. पर ऐसा नहीं है कि पास होने के लिए ही प्रयास किए जाते हैं.
इधर पता चला कि फेल करने के लिए भी भारी कोशिशें की जाती हैं, जबर्दस्त प्रयास किए जाते हैं. पेपर चेक करनेवाला मास्टर भी बच्चों को फेल करने के लिए इतने प्रयास नहीं करता होगा बल्कि कई बार तो वह भी उदार हो जाता है, उसे भी दया आ जाती है और वह फेल होने पर निखट्टू से निखट्टू छात्र को भी पास कर देता है.
यह सोच कर कि चलो दुआ देगा. पर अगर केजरीवालजी की मानें तो इस बार दिल्ली में ऑड-ईवन को फेल करने के लिए उनके विरोधियों ने इतने प्रयास किए कि जितने प्रयास बच्चे पास होने के लिए भी क्या करते होंगे!
बताते हैं कि इस बार ऑड-ईवन शुरू होते ही ऑटो-टैक्सीवालों ने हड़ताल करने का ऐलान कर दिया. केजरीवालजी ने कहा कि भाजपावाले ऑड-ईवन को फेल करना चाहते हैं और इसीलिए वे हड़ताल करवा रहे हैं. फिर दिल्ली के कचरे के पहाड़ में आग लग गयी. दिल्ली में वैसे तो पहाड़-पहाड़ियां जे एन यू में ही दिखाई देती हैं,पर कचरे के पहाड़ कहीं भी देखे जा सकते हैं. खासतौर से तब जब म्युनिस्पिलकर्मी हड़ताल कर दें.
वैसे ये पहाड़, वहां तो हैं ही जिन्हें लैंडफिल साइटें कहा जाता है. केजरीवालजी ने कहा कि ऑड-ईवन को फेल करने के लिए उनके विरोधियों ने कचरे के पहाड़ में आग लगा दी. खैर जी, ऑड-ईवन की फेल होने की इतनी लानतें दी गई, जितनी लानतें तो निखट्टू छात्रों के मां-बाप भी उन्हें नहीं देते होंगे. कहा गया कि ऑड-ईवन से तंग आकर लोग नई गाड़ियां खरीद रहे हैं.
दिल्ली के एक नेता तो यह सव्रे करने ही निकल पड़े कि देखो ऑड-ईवन फेल हो गया है. वे यह सव्रे इति सिद्धम के अंदाज में ही कर रहे थे. बच्चे इसलिए फेल होते हैं कि वे मेहनत नहीं करते, सरकारें इसलिए फेल होती हैं कि वे काम नहीं करतीं और ऑड-ईवन इसलिए फेल घोषित हो गया कि केजरीवालजी के सामने फेल हुए नेता उन्हें भी फेल करने पर आमादा थे.
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